Monday, August 20, 2018
UPTET, 2018 के ऑनलाईन फॉर्म की संभावित तिथि
प्रिय पाठकों‚
उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली UPTET, 2018 की परीक्षा का ऑफिसियल नोटिफिकेशन 22 अगस्त को जारी किया जायेगा। ऑनलाईन फॉर्म भरने की तिथि 26 अगस्त से 13 सितम्बर तक है।
इन तारीखों के मध्य आवेदकों को upbasiceduboard.gov.in पर ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन‚ फीस भुगतान आदि करना होगा। इसके बाद 15 से 19 सितंबर 2018 तक अभ्यर्थियों के पास अपने फॉर्म में गलतियाँ सुधारने का मौका होगा।
बताया जा रहा है कि 5 अक्टूबर को छात्र अपना प्रवेश पत्र डाऊनलोड कर पाएेंगे वही परीक्षा की सभांवित तारीख 15 अक्टूबर बताई जा रही है तथा परीक्षा परिणाम फरवरी 2019 में आ सकता है।
यूपीटीईटी मे आवेदक प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 5) के लिए और उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा 6 से 8) की टीईटी परीक्षा के लिए उम्मीदवार आवेदन कर सकते है।
योग्यता– योग्यता के लिए आवेदन ऑफिशियल नॉटिफिकेशन का इन्तजार करें। क्योंकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि बीएड डिग्रीधारक प्राईमरी में आवेदन कर सकेंगे या नही। इसलिए बीएड डिग्रीधारक अभी ऑफिशियल नॉटिफिकेशन आने का इन्तजार करें।
UPTET, 2018 का संभावित कार्यक्रम
ऑफिशियल नॉटिफिकेशन– 22 अगस्त‚ 2018
ऑनलाईन आवेदन आरम्भ– 25 अगस्त‚ 2018
ऑनलाईन आवेदन की अन्तिम तिथि – 13 सितम्बर‚ 2018
ऑनलाईन आवेदन में संशोधन आरम्भ– 15 सितम्बर‚ 2018
ऑनलाईन आवेदन में संशोधन की अन्तिम तिथि – 19 सितम्बर‚ 2018
ऑनलाईन प्रवेश पत्र डाऊनलोड– 5 अक्टूबर‚ 2018
परीक्षा तिथि– 15 अक्टूबर‚ 2018
Saturday, August 18, 2018
SSC ने निकाला नई एंजेसी के लिए टेंडर‚ सभी आॅनलाईन परीक्षाएं आठ नवम्बर के बाद
कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की सभी ऑनलाईन परीक्षाएं अब आठ नवंबर के बाद ही आयोजित की जा सकेंगी। एसएससी ने परीक्षाओं के आयोजन के लिए नई एजेंसी की चयन प्रक्रिया आरम्भ कर दी हैं। यह प्रक्रिया आठ नवम्बर तक पूरी हो सकेगी। ऐसे में ऑनलाईन परीक्षा एजेंसी की चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही आयोजित की जाएंगी।
एसएससी की 21 फरवरी को हुई सीजीएल–२ परीक्षा का पेपर आउट हो गया था। एसएससी की परीक्षाओं के आयोजन जिम्मेदारी टिफी नाम की एजेंसी के पास थी। पेपर आउट होने पर देश भर में एसएससी के खिलाफ अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया और एजेंसी को हटाने की मांग की। अभ्यर्थियों का आरोप था कि गडबडी एजेंसी के लोगों ने की है। मामले में सीबीआई जांच भी हुई और पेपर आउट होने में दोषी पाए गये एजेंसी के सात् कर्मचारियों को सीबीआई ने गिरफतार कर लिया। इसके बाद एसएससी ने एजेंसी से परीक्षाओं के आयोजन की जिम्मेदारी वापस ले ली और कैलेंडरमें शामिल दस परीक्षाएं निरस्त कर दीं।
अब ये परीक्षाएं नई एजेंसी के चयन के बाद ही आयोजित की जा सकेंगी। नई एजेंसी के चयन के लिए एसएससी ने टेंडर निकाल दिया है और इच्छुक एजेंसियों से आवेदन मांगे हैं। टेंडर प्रक्रिया आठ नवम्बर तक पूरी होनी है।
एसएससी की 21 फरवरी को हुई सीजीएल–२ परीक्षा का पेपर आउट हो गया था। एसएससी की परीक्षाओं के आयोजन जिम्मेदारी टिफी नाम की एजेंसी के पास थी। पेपर आउट होने पर देश भर में एसएससी के खिलाफ अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया और एजेंसी को हटाने की मांग की। अभ्यर्थियों का आरोप था कि गडबडी एजेंसी के लोगों ने की है। मामले में सीबीआई जांच भी हुई और पेपर आउट होने में दोषी पाए गये एजेंसी के सात् कर्मचारियों को सीबीआई ने गिरफतार कर लिया। इसके बाद एसएससी ने एजेंसी से परीक्षाओं के आयोजन की जिम्मेदारी वापस ले ली और कैलेंडरमें शामिल दस परीक्षाएं निरस्त कर दीं।
अब ये परीक्षाएं नई एजेंसी के चयन के बाद ही आयोजित की जा सकेंगी। नई एजेंसी के चयन के लिए एसएससी ने टेंडर निकाल दिया है और इच्छुक एजेंसियों से आवेदन मांगे हैं। टेंडर प्रक्रिया आठ नवम्बर तक पूरी होनी है।
सहायक अध्यापक भर्ती के नियुक्ति पत्र का शासनादेश आज हाे सकता है जारी
परिषदीय स्कूलों की सहायक अध्यापक भर्ती 2018 की लिखित परीक्षा मे सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिलाने का खाका तैयार हो गया है। बेेसिक शिक्षा परिषद ने शान को तारीखवार कार्यकम भेज दिया है। शनिवार को इस संबध में शासनादेश जारी होने के आसार हैं। तैयारी है कि शिक्षक दिवस यानी पांच सिंतबर तक हर चयनित को नियुक्ति पत्र मिल जाये।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों के लिए 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा 27 मई को कराई गई थी। उसका परिणाम 13 अगस्त को जारी हुआ है‚ जिसमें 41556 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। इन अभ्यर्थियों को नियुक्ति जल्द देने को शासन ने कडे आदेश जारी किए हैं। इसी आधार पर शुक्रवार को परिषद के शिविर कार्यालय पर अफसरों ने इसका तारीखवार प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजा है। अब वहाँ से आदेश जारे हाते ही विज्ञापन जारी होगा‚ ताकि सोमवार से ऑनलाईन जिलों का विकल्प अभ्यर्थियों से लिया जा सके। इसमें अभ्यर्थी एक जिले से लेकर सभी 75 जिलों की वरीयता दे सकते हैं‚ वही शिक्षामित्र कब से तैनात रहे हैं‚ इसका ब्यौरा देना होगा। ये ऑनलाइन आवेदन यानी जिला विकल्प 27 अगस्त तक लेने का प्रस्ताव है। 30 अगसत तक अभ्यर्थियों काे लिखित परीक्षा व अन्य अंकों की मेरिट व आरक्षण के अनुरूप जिला आवंटित होगा। एक से चार सितंबर तक अभ्यर्थियों को अवंटित जिलों की काउंसिलिग कराई जाएगी। यह पूरा होते ही नियुक्ति पत्र दिया जाएगा।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों के लिए 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा 27 मई को कराई गई थी। उसका परिणाम 13 अगस्त को जारी हुआ है‚ जिसमें 41556 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। इन अभ्यर्थियों को नियुक्ति जल्द देने को शासन ने कडे आदेश जारी किए हैं। इसी आधार पर शुक्रवार को परिषद के शिविर कार्यालय पर अफसरों ने इसका तारीखवार प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजा है। अब वहाँ से आदेश जारे हाते ही विज्ञापन जारी होगा‚ ताकि सोमवार से ऑनलाईन जिलों का विकल्प अभ्यर्थियों से लिया जा सके। इसमें अभ्यर्थी एक जिले से लेकर सभी 75 जिलों की वरीयता दे सकते हैं‚ वही शिक्षामित्र कब से तैनात रहे हैं‚ इसका ब्यौरा देना होगा। ये ऑनलाइन आवेदन यानी जिला विकल्प 27 अगस्त तक लेने का प्रस्ताव है। 30 अगसत तक अभ्यर्थियों काे लिखित परीक्षा व अन्य अंकों की मेरिट व आरक्षण के अनुरूप जिला आवंटित होगा। एक से चार सितंबर तक अभ्यर्थियों को अवंटित जिलों की काउंसिलिग कराई जाएगी। यह पूरा होते ही नियुक्ति पत्र दिया जाएगा।
Wednesday, August 15, 2018
केन्द्रीय विद्यालय संगठन में निकली 8339 पदों पर भर्ती
केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने प्रधानाचार्य‚ उप प्रधानाचार्य‚ पी०जी०टी०‚ टी०जी०टी०‚ लाईब्रेरियन तथा प्राईमरी शिक्षकों की 8339 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया है
आवेदन प्रारम्भ होने की तिथि– 24-08-2018
आवेदन की अन्तिम तिथि – 13-09-2018
आवेदन प्रारम्भ होने की तिथि– 24-08-2018
आवेदन की अन्तिम तिथि – 13-09-2018
Important Links
ऑनलाईन आवेदन करने के लिए क्लिक करे– यह लिंक 24 अगस्त 2018 को एक्टिवेट होगा।
Monday, August 13, 2018
सूर्य से टकराने निकला नासा
सूरज के रहस्य खोलने के लिए नासा ने किया यान रवाना–
सूर्य की परतों में छिपे राज को खोलने के लिए नासा सा यान 24 घंटे की देरी से रविवार को ऐतिहासिक सफर पर रवाना हो गया। 1.5 अरब डॉलर की लागत से तैयार पार्कर सोलर प्रोब को रविवार को सुबह 3.31 बजे फलोरिडा से रवाना किया गया। यह पहले शनिवार को रवाना किया जाना था लेकिन तकनीकी कारणों से इसका लॉन्च नहीं हो सका था।
यान 6.92 लाख किलोमिटर प्रति घंटे की रफतार से सूरज के 24 चक्कर लगाएगा। यह गति किसी भी मान निर्मित वस्तु में सबसे ज्यादा है। सूरज तक पहुंचने की इस यात्रा के दौरान यान कई ग्रहों के गुरूत्वाकर्षण मार्ग से होकर गुजरेगा। इसमें बुध ग्रह का गुरूत्वाकर्षण मार्ग भी इसकी मदद करेगा। यह सूरज की सतह से 40 लाख मील की दूरी से गुजरेगा। सूरज के इतने करीब पहुंचने वाला यह पहला यान होगा। पार्कर सोलर सात साल तक सूरज के इर्द–गिर्द चक्कर लगाकर अध्ययन करेगा। कार के आकार का यह यान सूरज की बाहरी परत कोरोना के नजदीक रहेगा।
कोरोना का ही तापमान १० लाख डिग्री सेल्सियस होता है।
नासा ने पार्कर सोलर को सूरज के अत्यधिक तापमान से बचाने को 8 फुट की उडन तश्तरी बनाई है। यह 4.5 इंच मोटी कार्बन फोम की परत है। यान को जो हिस्सा सूरज की ओर पर सेरामिक पेंट क परत चढाई गई है‚ ताकि यह सूरज की गर्मी वापस भेज सके। यान भौतिकशास्त्री यूजीन न्यूर्मन पार्कर के नाम पर है। इन्होंने तारों द्वारा ऊर्जा संचारित करने की अवधारणाएं पेश की थी। पार्कर सोलर अपने साथ एक चिप भी लेकर गया है‚ जिसमें 11 लाख लोगों के नाम हैं।
सूर्य की परतों में छिपे राज को खोलने के लिए नासा सा यान 24 घंटे की देरी से रविवार को ऐतिहासिक सफर पर रवाना हो गया। 1.5 अरब डॉलर की लागत से तैयार पार्कर सोलर प्रोब को रविवार को सुबह 3.31 बजे फलोरिडा से रवाना किया गया। यह पहले शनिवार को रवाना किया जाना था लेकिन तकनीकी कारणों से इसका लॉन्च नहीं हो सका था।
यान 6.92 लाख किलोमिटर प्रति घंटे की रफतार से सूरज के 24 चक्कर लगाएगा। यह गति किसी भी मान निर्मित वस्तु में सबसे ज्यादा है। सूरज तक पहुंचने की इस यात्रा के दौरान यान कई ग्रहों के गुरूत्वाकर्षण मार्ग से होकर गुजरेगा। इसमें बुध ग्रह का गुरूत्वाकर्षण मार्ग भी इसकी मदद करेगा। यह सूरज की सतह से 40 लाख मील की दूरी से गुजरेगा। सूरज के इतने करीब पहुंचने वाला यह पहला यान होगा। पार्कर सोलर सात साल तक सूरज के इर्द–गिर्द चक्कर लगाकर अध्ययन करेगा। कार के आकार का यह यान सूरज की बाहरी परत कोरोना के नजदीक रहेगा।
कोरोना का ही तापमान १० लाख डिग्री सेल्सियस होता है।
नासा ने पार्कर सोलर को सूरज के अत्यधिक तापमान से बचाने को 8 फुट की उडन तश्तरी बनाई है। यह 4.5 इंच मोटी कार्बन फोम की परत है। यान को जो हिस्सा सूरज की ओर पर सेरामिक पेंट क परत चढाई गई है‚ ताकि यह सूरज की गर्मी वापस भेज सके। यान भौतिकशास्त्री यूजीन न्यूर्मन पार्कर के नाम पर है। इन्होंने तारों द्वारा ऊर्जा संचारित करने की अवधारणाएं पेश की थी। पार्कर सोलर अपने साथ एक चिप भी लेकर गया है‚ जिसमें 11 लाख लोगों के नाम हैं।
Saturday, August 11, 2018
9 अगस्त 2018 को रेलवे ग्रुप सी की परीक्षा में पूछे गये सामान्य जागरूकता के कुछ प्रश्न हिन्दी में
9 अगस्त 2018 Ist Shift
9 अगस्त 2018 IInd Shift
- ब्रहस्पति के कितने उपग्रह हैॽ
- "Exam Warriours पुस्तक के लेखक कौन हैॽ
- राम कृष्ण मिशन के संस्थापक कौन हैंॽ
- मलेशिया की राजधानी क्या हैॽ
- ऑस्ट्रेलियन ओपन में महिला ओपन का खिताब किसने जीता ॽ
- भारत के विर्तमान वित्तमंत्री कौन हैंॽ
- दुनिया के Happiness Index में भारत की कौन–सी रैंक हैॽ
- आई पी एल 2018 में KKR टीम का मालिक कौन हैॽ
- कॉमन वेल्थ गेम्स सेरेमनी 2018 में Flag Bearer कौन थाॽ
- तामिलनाडु के वर्तमान मुख्यमंत्री कौन हैंॽ
- नागालैण्ड के वर्तमान मुख्यमंत्री कौन हैंॽ
- छत्तीसगढ के वर्तमान राज्यपाल कौन हैंॽ
- इलाहाबाद के मुख्य प्रबन्ध निदेशक कौन हैॽ
- इण्डियन ओलम्पिक के अध्यक्ष कौन हैॽ
- पहला भारत रत्न अवार्ड किसने प्राप्त कियाॽ
9 अगस्त 2018 IInd Shift
- महात्मा गांधी का जन्मदिवस कब हैॽ
- कर्नाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री कौन हैंॽ
- भारत में कितने रेलवे जोनस हैंॽ
- जी एस टी लागू करने वाला पहला देश कौन सा हैॽ
- हिरदयनाथ पुरस्कार किसे दिया गया हैॽ
- किस मुख्यमंत्री के पिता एक महाराजा थेॽ
- सिक्किम के वर्तमान मुख्यमंत्री कौन हैंॽ
- हेलिकॉप्टर का अविष्कार किसने किया थाॽ
- व्यास सम्मान अवार्ड किसे दिया गया हैॽ
- हाल ही में पदम श्री से सम्मानित किए गये पैराओलम्पियन का नाम क्या हैॽ
- आलम्पिक 2016 कहाँ आयोजित किये गयेॽ
Friday, August 10, 2018
Daily Current Affairs, 10 August, 2018
August 10, 2018
1). अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा गोपनीयता और सिविल लिबर्टीज ओवरसाइट बोर्ड के सदस्य के रूप में किस भारतीय-अमेरिकी को नामित किया गया है?
(A) अशोक अमृतराज
(B) आदित्य बमजाई
(C) जय चंद्रशेखर
(D) परम गिल
Answer-B
2). आरबीआई बोर्ड में निम्नलिखित में से किसे अंशकालिक गैर-आधिकारिक निदेशक नियुक्त किया गया है?
(A) स्वामीनाथन गुरुमूर्ति
(B) सतीश मराठे
(C) ब्रमण्यम स्वामी
(D) A और B दोनों
Answer-D
3). कोलम्बिया के राष्ट्रपति के रूप में किसने शपथ ली?
(A) जुआन मैनुअल सैंटोस
(B) कार्लोस होम
(C) इवान डुक्यू
(D) डेविड लुना संचेज़
Answer-C
4). किस उच्च न्यायालय ने राज्य में भीख मांगने को अपराध क्षेत्र से बहार कर दिया है?
(A) बंबई
(B) दिल्ली
(C) कोलकाता
(D) मद्रास
Answer-B
5). संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा मानवाधिकारों के अगले उच्चायुक्त के रूप में किन्हे नामित किया गया है?
(A) ज़ीद राद अल हुसैन
(B) जुआन मैनुअल सैंटोस
(C) प्रणव मुखर्जी
(D) मिशेल बैचेलेट
Answer-D
6). किस वर्ष 'भारत का ध्वज संहिता' लागू हुआ था?
(A) 2002
(B) 2003
(C) 2004
(D) 2005
Answer-A
7). विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस कब मनाया जाता है?
(A) 8 अगस्त
(B) 7 अगस्त
(C) 9 अगस्त
(D) 10 अगस्त
Answer-C
8). राज्यसभा के उपाध्यक्ष के रूप में किसे चुना गया है?
(A) बीके हरिप्रसाद
(B) हरिवंश नारायण सिंह
(C) चंद्रशेखर
(D) संजय सिंह
Answer-B
9). किस केंद्रीय मंत्रालय ने मोबाइल ऐप ''निर्यात मित्र'' लॉन्च किया है?
(A) वित्त मंत्रालय
(B) वाणिज्य मंत्रालय
(C) कृषि मंत्रालय
(D) विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्रालय
Answer-B
10). निम्नलिखित में से कौन-सा बायोस्फीयर रिजर्व, यूनेस्को के विश्व नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा नहीं है?
(A) मन्नार की खाड़ी (तमिलनाडु)
(B) नंदा देवी (उत्तराखंड)
(C) खांगचेन्जोंगा (सिक्किम)
(D) मानस (असम)
Answer-D
Wednesday, August 8, 2018
उत्तर प्रदेश पुलिस की परीक्षा निरस्त
उत्तर प्रदेश पुलिस की परीक्षा निरस्त
आरक्षी नागरिक पुलिस एवं आरक्षी पी०ए०सी० के पदों पर सीधी भर्ती–2018 के अर्न्तगत दिनांक 18–06–2018 एवं 19–06–2018 को द्वितिय पाली में आयोजित ऑफलाईन परीक्षा निरस्त कर दी गई है। उक्त परीक्षा शीघ्तिशीघ्र आयोजित की जायेगी।
ऑफिशियल नोटिस के लिए यहाँ क्लिक करें
आरक्षी नागरिक पुलिस एवं आरक्षी पी०ए०सी० के पदों पर सीधी भर्ती–2018 के अर्न्तगत दिनांक 18–06–2018 एवं 19–06–2018 को द्वितिय पाली में आयोजित ऑफलाईन परीक्षा निरस्त कर दी गई है। उक्त परीक्षा शीघ्तिशीघ्र आयोजित की जायेगी।
ऑफिशियल नोटिस के लिए यहाँ क्लिक करें
Sunday, August 5, 2018
DOWNLOAD RRB ALP/ TECHNICIAN ADMIT CARD DIRECT LINK
(Railway Recruitment Board)
Post Name – Assistant Loco Pilot, Technician
Admit Card Available Now
CLICK HERE TO DOWNLOAD ADMIT CARD
Instructions for Downloading the RRB ALP Admit Card 2018 :
1. Click on the Download Admit Card link (RRB wise) from the Important Link section given below
2. After that, applicants will be redirected to the Login page.
3. Here they will have to enter the following details in order to login.
User ID
Password
Then click on Login
4. After successful login, candidates will be to download and print the Computer Based Test Admit Card.
5. Applicants can also download the admit card from the respective zonal websites of RRB (RRB Allahabad, RRB Ajmer RRB Bhopal etc)
2018 की प्रतियोगी परिक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण करेंट अफेयर्स प्रैक्टिस सेट
प्रिय पाठकों,
आज हम बहुत ही महत्वपूर्ण करेन्ट अफेयर्स के प्रैक्टिस सेट शेयर कर रहे है। ये प्रैक्टिस सेट अापके SSC, CGL, CPO, CHSL, RRB, RBI, तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बहुत ही लाभकारी है।
Our Current Affairs Free Practice Set Paper in Hindi PDF cover all important solved questions. You can download Current Affairs Free Practice Set Paper vey easily by clicking on the download button below.
About PDF :-
1. Subject – Current Affairs Free Practice Set Paper
2. Format – PDF
3. Language – Hindi
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Current Affairs Free Practice Set Paper in Hindi for PDF – Click Here
Friday, August 3, 2018
यूपी पुलिस में 5वीं पास के लिए भर्तियां, 16 अगस्त तक करें आवेदन
प्रिय पाठकों
उत्तर प्रदेश पुलिस के रेडियो विभाग ने समूह 'घ' संदेश वाहक के पदों के भरे जाने हेतु विज्ञप्ति जारी की है।
मान्यताप्राप्त संस्थान से 5वीं पास और 18 से 30 वर्ष तक के उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। सभी वर्गों के लिए आवेदन निःशुल्क है। उम्मीदवार 16 अगस्त से पहले ऑफलाइन आवेदन करें।
वेतनमान: 18,000- 56,900/- प्रति माह
उत्तर प्रदेश पुलिस के रेडियो विभाग ने समूह 'घ' संदेश वाहक के पदों के भरे जाने हेतु विज्ञप्ति जारी की है।
मान्यताप्राप्त संस्थान से 5वीं पास और 18 से 30 वर्ष तक के उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। सभी वर्गों के लिए आवेदन निःशुल्क है। उम्मीदवार 16 अगस्त से पहले ऑफलाइन आवेदन करें।
वेतनमान: 18,000- 56,900/- प्रति माह
चयन प्रक्रियाः स्किल टेस्ट और लिखित परीक्षा के आधार पर
8 सितंबर तक अंतिम परिणाम घोषित किया जा सकता है।
8 सितंबर तक अंतिम परिणाम घोषित किया जा सकता है।
PRATIYOGITA DARPAN HINDI AUGUST 2018 PDF
Dear Readers,
we are sharing Pratiyogita Darpan August 2018 PDF download in Hindi and English for the students who are preparing for IAS, Railway, MPPCS, Bank PO, SCC Exam, MBA, CAT, and other Competitive Examinations, From Monthly Current Affairs Magazine Pratiyogita Darpan August 2018 PDF in Hindi and English can download Free Pratiyogita Darpan August 2018 The following points are included in the PDF
If you are preparing for all the competitive exams, and you are worried about current affairs, then today we have brought for you the solution, as a book, whose name is Darpan competition "Partiyogita Dardan” in all the edition on Darpan, you will find previous year paper , national news, international news, famous personalities, extensive details of famous events, as well as solutions for many competitive examinations.
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This issue of today is in the Hindi language which is a boon for Hindi language test takers.
Through this book, you will be able to prepare for all the upcoming competitive examinations like UPSC, UPPCS, UPSSSC VDO, SSC, Gram panchayat Adhikari, Railway RRB, Bank Exam etc.
Through the simple study of PRATIYOGITA DARPAN HINDI ENGLISH AUGUST 2018, you will be able to get as many numbers as possible in your exam. All the best wishes.
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If you look at PRATIYOGITA DARPAN HINDI AUGUST 2018, you will be able to go to National Events, International Events, Economic Commercial Scenario, Latest General Knowledge, What to do in the Civil Services Preliminary Examination? Employment News, Sports Current Affairs, National Events Related to Science and Technology And international developments, young talents, and most importantly memorable facts, World Scenario, India's Chief Historical Personality, Objective General Studies same matter will be cover in English PRATIYOGITA DARPAN ENGLISH AUGUST 2018
Pratiyogita Darpan August 2018 PDF in Hindi
Thursday, August 2, 2018
Wednesday, August 1, 2018
Tuesday, July 31, 2018
RPSC RAS Admit Card 2018:
Today Rajasthan Public Service Commission has release Admit Card for Rajasthan State and Subordinate Services Combined Competitive Examination 2018
Candidates who had applied for the RAS/RTS Combined Competitive Examination 2018 must Download Admit Card.
Click Here to Downlad RPSC RAS Admit Card 2018.
Top Current Affairs For RRB ALP Exam 2018
Hello Readres
RRB ALP EXAM SCHEDULE FROM 9TH AUGUST. So our Team Decide to Upload Top Current Affairs For RRB ALP Exam 2018
फ्रांस ने किस वर्श तक सभी तेल और गैस उत्पादन पर रोक के लिए कानून बनाई है।→2040
•बाल दिवस के अवसर पर बच्चों हेतू न्दपबम िकी और से किस कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।→किड्स टेक ओवर एनएसई
•महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा जारी रिर्पोट के अनुसार महिला सुरक्षा के लिहाज से कौन-सा राज्य बेहतर स्थिति में है।→गोवा
•16वीं एषियन मेराथन चैम्पियनषीप में किसने स्वर्ण पदक जीता। →गेणी योगकल
•फ्रांस के पूर्व सांस्कृति मंत्री किसको न्छम्ैब्व् का नया प्रमुख बनाया गया।→आॅन्द्रे अजोले
•किस देष ने योग को खेल का दर्जा प्रदान किया ।→साऊदी अरब
•न्छव् ने सर्वसम्मति से किस पर नये प्रतिबंध लागू करते हुए परिश्कृत पेट्रोलियम पदार्थो पर उसकी बेहद सिमित कर दी है।→उत्तर कोरिया
•इसरो द्वारा बनाये गए सबसे वजली सेटैलाइट कौन-सा है।→ जीसैट- प्प्
•ग्रामीण क्षेत्र में पीनेवाला पानी की आपूर्ति सुधारने हेतू केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने किस योजना मंजूर की →राश्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम
•छप्ज्प् आयोग द्वारा आरंभ की गई किस राश्ट्रव्यापी मिषन के तहत अटल टिकरिंग लैब की स्थापना के लिए 1500 •स्कूलो का चयन किया गया।→अटल इनावेषन मिषन
•खेल मंत्रालय ने एंटी- डोंपिंग अपील पेनल में किसको षामिल किया।→वीरेन्द्र सहवाग
•किस ने हाल ही में कुवैत और सिंगापुर में प्रतिनिधी कार्यालय खोलने हेतू त्ठप् की मंजूरी प्राप्त कर ली है।→फेडरल ठंदा
•अमेरिका के चुनावों में जीत हासिल करनेवाली पहली ट्रांसजेंडर कौन बनी।→डानिका रोम
•किलर्स आॅफ द फ्लावर मून के लेखक कौन है।→डेविड ग्रैन
•उडिसा के किस षहर में देष का पहला हथियार संग्रहालय बनाया गया ।→चाँदीपुर
•किस षहर में हाल ही में प्रदूशित धुंध के कारन स्वास्थ्य अपात काल घोशित किया गया। →दिल्ली
•अमेरिकी राश्ट्रपति के दौरे से राजस्थान का कौन-सा गाँव काफी चर्चित रहा।→नायेला
•किस बैंक ने RTGS और NEFT के जरिये किये जानेवाले लेन-देन को 1 Nov से निःषुल्क किया। →भ्ण्क्ण्थ्ण्ब्
•केरल तथा लक्ष्यद्वीप समूह के लिए तीन दिनों का तटीय सुरक्षा अभ्यास का नाम क्या था।→सागर कवच
•सुनामी जागरूकता दिवस कब मनाया जाता है।→5 नवम्बर
•रेल मंत्रालय ने 14 श्रनसल 2019 को किसके बीच पहली सोलर उर्जा से संचालित डेमू ट्रेन का परिचालन प्रारंभ →सराय रोहिल्लासे फारूक नहार
•India 2000 A vision for the new milinium लेखक कौन है।→A.P.J क्लाम और वाई S राजन
•किस सरकार ने 55000 हेक्टेयर भूमि को सचिने हेतू नैव कृश्ण चैधरी सेवा उन्नयन योजना प्रारंभ की।→उडिसा सरकार
•किसके द्वारा सोफिया नामक रोबोट को देष की अधिकारिक नागरिकता प्रदान की गई।→सऊदी अरब
•मानव संसाधन विकाष मंत्री प्रकाष जावेडकर ने पूर्व राश्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को किसने पुस्तक भेट की।→गुरू संग्रह
•कर्नाटक राज्य की सरकार द्वारा किसको धार्मिक अल्पसंख्यक का स्तर प्रदान करने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव मार्व 2018 में भेजा। →लिंगायत समुदाय
•आन्ध्रप्रदेष में पहला पूर्ण रूप से महिला द्वारा संचालित कौन-सा रेलवे स्टेषन मार्च 2018 में बना। →चन्द्रागिरी
•भारत के किसने प्ैैथ् विष्व कप निषानेबाजी में 20 मीटर एयर पस्टिल स्पद्र्धा में नये रिकोर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता ।→षाहजर रिजवी
•मार्च 2018 में लोंस एजिल में प्रदान किए गए 90वें आॅस्कर पुरस्कार में किसको सर्वश्रेश्ट फिल्म मिला।→द षेश आॅफ वाटर
RRB ALP EXAM SCHEDULE FROM 9TH AUGUST. So our Team Decide to Upload Top Current Affairs For RRB ALP Exam 2018
फ्रांस ने किस वर्श तक सभी तेल और गैस उत्पादन पर रोक के लिए कानून बनाई है।→2040
•बाल दिवस के अवसर पर बच्चों हेतू न्दपबम िकी और से किस कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।→किड्स टेक ओवर एनएसई
•महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा जारी रिर्पोट के अनुसार महिला सुरक्षा के लिहाज से कौन-सा राज्य बेहतर स्थिति में है।→गोवा
•16वीं एषियन मेराथन चैम्पियनषीप में किसने स्वर्ण पदक जीता। →गेणी योगकल
•फ्रांस के पूर्व सांस्कृति मंत्री किसको न्छम्ैब्व् का नया प्रमुख बनाया गया।→आॅन्द्रे अजोले
•किस देष ने योग को खेल का दर्जा प्रदान किया ।→साऊदी अरब
•न्छव् ने सर्वसम्मति से किस पर नये प्रतिबंध लागू करते हुए परिश्कृत पेट्रोलियम पदार्थो पर उसकी बेहद सिमित कर दी है।→उत्तर कोरिया
•इसरो द्वारा बनाये गए सबसे वजली सेटैलाइट कौन-सा है।→ जीसैट- प्प्
•ग्रामीण क्षेत्र में पीनेवाला पानी की आपूर्ति सुधारने हेतू केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने किस योजना मंजूर की →राश्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम
•छप्ज्प् आयोग द्वारा आरंभ की गई किस राश्ट्रव्यापी मिषन के तहत अटल टिकरिंग लैब की स्थापना के लिए 1500 •स्कूलो का चयन किया गया।→अटल इनावेषन मिषन
•खेल मंत्रालय ने एंटी- डोंपिंग अपील पेनल में किसको षामिल किया।→वीरेन्द्र सहवाग
•किस ने हाल ही में कुवैत और सिंगापुर में प्रतिनिधी कार्यालय खोलने हेतू त्ठप् की मंजूरी प्राप्त कर ली है।→फेडरल ठंदा
•अमेरिका के चुनावों में जीत हासिल करनेवाली पहली ट्रांसजेंडर कौन बनी।→डानिका रोम
•किलर्स आॅफ द फ्लावर मून के लेखक कौन है।→डेविड ग्रैन
•उडिसा के किस षहर में देष का पहला हथियार संग्रहालय बनाया गया ।→चाँदीपुर
•किस षहर में हाल ही में प्रदूशित धुंध के कारन स्वास्थ्य अपात काल घोशित किया गया। →दिल्ली
•अमेरिकी राश्ट्रपति के दौरे से राजस्थान का कौन-सा गाँव काफी चर्चित रहा।→नायेला
•किस बैंक ने RTGS और NEFT के जरिये किये जानेवाले लेन-देन को 1 Nov से निःषुल्क किया। →भ्ण्क्ण्थ्ण्ब्
•केरल तथा लक्ष्यद्वीप समूह के लिए तीन दिनों का तटीय सुरक्षा अभ्यास का नाम क्या था।→सागर कवच
•सुनामी जागरूकता दिवस कब मनाया जाता है।→5 नवम्बर
•रेल मंत्रालय ने 14 श्रनसल 2019 को किसके बीच पहली सोलर उर्जा से संचालित डेमू ट्रेन का परिचालन प्रारंभ →सराय रोहिल्लासे फारूक नहार
•India 2000 A vision for the new milinium लेखक कौन है।→A.P.J क्लाम और वाई S राजन
•किस सरकार ने 55000 हेक्टेयर भूमि को सचिने हेतू नैव कृश्ण चैधरी सेवा उन्नयन योजना प्रारंभ की।→उडिसा सरकार
•किसके द्वारा सोफिया नामक रोबोट को देष की अधिकारिक नागरिकता प्रदान की गई।→सऊदी अरब
•मानव संसाधन विकाष मंत्री प्रकाष जावेडकर ने पूर्व राश्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को किसने पुस्तक भेट की।→गुरू संग्रह
•कर्नाटक राज्य की सरकार द्वारा किसको धार्मिक अल्पसंख्यक का स्तर प्रदान करने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव मार्व 2018 में भेजा। →लिंगायत समुदाय
•आन्ध्रप्रदेष में पहला पूर्ण रूप से महिला द्वारा संचालित कौन-सा रेलवे स्टेषन मार्च 2018 में बना। →चन्द्रागिरी
•भारत के किसने प्ैैथ् विष्व कप निषानेबाजी में 20 मीटर एयर पस्टिल स्पद्र्धा में नये रिकोर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता ।→षाहजर रिजवी
•मार्च 2018 में लोंस एजिल में प्रदान किए गए 90वें आॅस्कर पुरस्कार में किसको सर्वश्रेश्ट फिल्म मिला।→द षेश आॅफ वाटर
Monday, January 22, 2018
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आओ पढ़ाई करे।
देश में पठन-पाठन के प्रति लगाव रखने और इस दिशा में समुचित कदम उठाये जाने की लगातार आवाज उठाने वाले लोगों का ध्यान कल की दो ताजा खबरों ने जरूर खींचा होगा। हमेशा की तरह एक चिंताजनक खबर यह थी कि आइआइटी जैसे संस्थानों तक को ढूंढ़ने के बावजूद काबिल शिक्षक नहीं मिल पा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ राहत देने वाली खबर यह थी कि उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों में अब पढ़ाई के साथ-साथ पढ़ाना भी जरूरी करने पर विचार किया जा रहा है।
उम्मीद यह भी जताई जा रही है कि आगामी आम बजट में केंद्र सरकार द्वारा इस बारे में विधिवत घोषणा भी की जा सकती है। फिलहाल बीएड जैसे टीचिंग से जुड़े पाठ्यक्रमों में ही छात्रों को पढ़ने के साथ पढ़ाने की अनिवार्यता है। यह योजना लागू हो जाने के बाद स्नातक कोर्सो के छात्रों को हर सप्ताह कम से कम तीन घंटे पढ़ाना होगा। शिक्षण प्रशिक्षण की जरूरत को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों से अपनी सुविधा के अनुसार आसपास के शिक्षण संस्थानों में सेवाएं देने की बार-बार की अपीलों की वजह से ऐसे तमाम लोगों ने स्कूलों में पढ़ाने की सकारात्मक पहल की है। अगर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय की इस प्रस्तावित योजना ने मूर्त रूप ले लिया, तो स्कूलों में अध्यापकों की कमी की काफी हद तक भरपाई की जा सकेगी।1आकर्षण बढ़ाने की जरूरत1हर किसी की जिंदगी को सही दिशा देने में अध्यापक का योगदान सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। सभी को अपने जीवन में कोई न कोई कभी न भुलाये जा सकने वाले टीचर जरूर मिले होंगे। आज हमें देश के भावी कर्णधारों को गढ़ने वाले सबसे काबिल अध्यापकों की सबसे ज्यादा जरूरत है। पर विडंबना यह है कि पिछले एक-दो दशकों से टीचिंग को उपेक्षित पेशा जैसा मान लिया गया है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले युवाओं की दिलचस्पी ज्यादा पैसे वाली आकर्षक नौकरियों में है। हालांकि हाल के वर्षो में प्राइमरी से लेकर कॉलेज-विश्वविद्यालय के प्रोफेसर तक को मिलने वाली सैलरी और सुविधाओं में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है, इसके बावजूद टीचिंग के प्रति युवाओं में क्रेज जैसी कोई बात नहीं बन पा रही है। ऐसे में इस सबसे सम्मानित पेशे का प्रचार-प्रसार करने, इसमें और आकर्षण जोड़ने और युवा पीढ़ी को इसके प्रति आकर्षित करने के लिए अभियान चलाने की जरूरत महसूस की जा रही है। जिस तरह एक कुम्हार या मूर्तिकार कच्ची मिट्टी को अपने कुशल हाथों से तराश कर तरह-तरह का मनभावन रूप दे देता है, उसी तरह एक अध्यापक भी बच्चों को संस्कार-ज्ञान-समझदारी की शिक्षा देकर जिम्मेदार नागरिक बनाने में अपना योगदान देता है। 1काबिल फैकल्टी की चुनौती!1दिल्ली, मद्रास, खड़गपुर सहित देश की सभी 23 आइआइटी में फिलहाल औसतन 35 प्रतिशत से अधिक फैकल्टी की कमी है। खड़गपुर की स्थिति तो और भी बदतर है, जहां 69 फीसदी फैकल्टी के पद खाली हैं। सरकार के दबाव और इन संस्थानों द्वारा लगातार विज्ञापन दिए जाने के बावजूद सालाना 15 से 20 प्रतिशत पद ही भरे जा पा रहे हैं। सक्षम फैकल्टी न मिलने की बात पर आइआइटी मद्रास के निदेशक डॉ. भास्कर रामामूर्ति की यह बात उचित ही है कि उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद कम ही छात्र ऐसे होते हैं, जो एक टीचर के रूप में अपना करियर आरंभ करना चाहते हैं। ज्यादातर छात्र विदेश की राह पकड़ लेते हैं। ऐसे में टीचिंग के प्रोफेशन के प्रति नए सिरे से आकर्षण पैदा किए जाने की जरूरत है, ताकि डॉक्टर, इंजीनियर, आइएएस, आइटी प्रोफेशनल, जर्नलिस्ट, वकील आदि पेशों की तरह छात्र भी स्कूली दिनों से ही अध्यापक बनने का सपना देख सकें और टीचिंग को अपने करियर की मंजिल मानकर आगे बढ़ सकें। ऐसी स्थिति उत्पन्न करने के लिए जितने जरूरी सरकारी उपाय हैं, उतना ही जरूरी हम सभी को अपना माइंड-सेट बदलने की भी है। सुकून, सम्मान और सुविधाएं टीचिंग के प्रोफेशन में अब सैलरी तो आकर्षक है ही, लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि और किसी भी प्रोफेशन की तुलना में इसमें आज भी अधिकतम सुकून, सबसे अधिक सम्मान और सुविधाओं का होना है। अन्य नौकरियों की तरह इसमें अनावश्यक तनाव भी बिल्कुल नहीं है। हां, इस पेशे में आपका सम्मान इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसके प्रति कितनी ईमानदारी बरत रहे हैं, क्योंकि यह दूसरे पेशों की तरह कतई नहीं है। इसमें आपको देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह समझने की जरूरत होती है। आप सिर्फ एक बच्चे को ही नहीं पढ़ाते, बल्कि देश के एक जिम्मेदार नागरिक को तैयार करते हैं। उन्हीं में से कोई आप जैसा काबिल अध्यापक बनेगा, तो कोई देश का राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, न्यायाधीश, कलेक्टर, दुनिया में देश को पहचान दिलाने वाले प्रोफेशनल कुछ भी बन सकता है। सोचिए, जब आपको पता चलता है कि आपके किसी शिष्य ने कोई बड़ी उपलब्धि हासिल की है, तो कितनी खुशी मिलती होगी। युवा बढ़ाएं कदम देश के युवाओं को भी यह सोचना होगा कि सिर्फ अपने लिए पद और पैसा कमाने में ही जीवन की सार्थकता नहीं है, बल्कि देश और समाज के लिए अपने दायित्वों को समझने और उन्हें पूरा करने में है। ऐसे में उन्हें टीचिंग के प्रति रुझान बढ़ाना चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा इस ओर आएं। बदलते समय के मुताबिक खुद भी पढ़ें और अपडेट रहें, साथ ही शिक्षण संस्थानों आदि के जरिए या स्वयं की पहल से दूसरों को पढ़ाएं। हम सब ऐसा करेंगे, तो ही देश लगातार आगे की ओर बढ़ेगा।1श में पठन-पाठन के प्रति लगाव रखने और इस दिशा में समुचित कदम उठाये जाने की लगातार आवाज उठाने वाले लोगों का ध्यान कल की दो ताजा खबरों ने जरूर खींचा होगा। हमेशा की तरह एक चिंताजनक खबर यह थी कि आइआइटी जैसे संस्थानों तक को ढूंढ़ने के बावजूद काबिल शिक्षक नहीं मिल पा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ राहत देने वाली खबर यह थी कि उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों में अब पढ़ाई के साथ-साथ पढ़ाना भी जरूरी करने पर विचार किया जा रहा है। उम्मीद यह भी जताई जा रही है कि आगामी आम बजट में केंद्र सरकार द्वारा इस बारे में विधिवत घोषणा भी की जा सकती है। फिलहाल बीएड जैसे टीचिंग से जुड़े पाठ्यक्रमों में ही छात्रों को पढ़ने के साथ पढ़ाने की अनिवार्यता है। यह योजना लागू हो जाने के बाद स्नातक कोर्सो के छात्रों को हर सप्ताह कम से कम तीन घंटे पढ़ाना होगा। शिक्षण प्रशिक्षण की जरूरत को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों से अपनी सुविधा के अनुसार आसपास के शिक्षण संस्थानों में सेवाएं देने की बार-बार की अपीलों की वजह से ऐसे तमाम लोगों ने स्कूलों में पढ़ाने की सकारात्मक पहल की है। अगर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय की इस प्रस्तावित योजना ने मूर्त रूप ले लिया, तो स्कूलों में अध्यापकों की कमी की काफी हद तक भरपाई की जा सकेगी।आकर्षण बढ़ाने की जरूरत1हर किसी की जिंदगी को सही दिशा देने में अध्यापक का योगदान सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। सभी को अपने जीवन में कोई न कोई कभी न भुलाये जा सकने वाले टीचर जरूर मिले होंगे। आज हमें देश के भावी कर्णधारों को गढ़ने वाले सबसे काबिल अध्यापकों की सबसे ज्यादा जरूरत है। पर विडंबना यह है कि पिछले एक-दो दशकों से टीचिंग को उपेक्षित पेशा जैसा मान लिया गया है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले युवाओं की दिलचस्पी ज्यादा पैसे वाली आकर्षक नौकरियों में है। हालांकि हाल के वर्षो में प्राइमरी से लेकर कॉलेज-विश्वविद्यालय के प्रोफेसर तक को मिलने वाली सैलरी और सुविधाओं में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है, इसके बावजूद टीचिंग के प्रति युवाओं में क्रेज जैसी कोई बात नहीं बन पा रही है। ऐसे में इस सबसे सम्मानित पेशे का प्रचार-प्रसार करने, इसमें और आकर्षण जोड़ने और युवा पीढ़ी को इसके प्रति आकर्षित करने के लिए अभियान चलाने की जरूरत महसूस की जा रही है। जिस तरह एक कुम्हार या मूर्तिकार कच्ची मिट्टी को अपने कुशल हाथों से तराश कर तरह-तरह का मनभावन रूप दे देता है, उसी तरह एक अध्यापक भी बच्चों को संस्कार-ज्ञान-समझदारी की शिक्षा देकर जिम्मेदार नागरिक बनाने में अपना योगदान देता है। काबिल फैकल्टी की चुनौती! दिल्ली, मद्रास, खड़गपुर सहित देश की सभी 23 आइआइटी में फिलहाल औसतन 35 प्रतिशत से अधिक फैकल्टी की कमी है। खड़गपुर की स्थिति तो और भी बदतर है, जहां 69 फीसदी फैकल्टी के पद खाली हैं। सरकार के दबाव और इन संस्थानों द्वारा लगातार विज्ञापन दिए जाने के बावजूद सालाना 15 से 20 प्रतिशत पद ही भरे जा पा रहे हैं। सक्षम फैकल्टी न मिलने की बात पर आइआइटी मद्रास के निदेशक डॉ. भास्कर रामामूर्ति की यह बात उचित ही है कि उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद कम ही छात्र ऐसे होते हैं, जो एक टीचर के रूप में अपना करियर आरंभ करना चाहते हैं। ज्यादातर छात्र विदेश की राह पकड़ लेते हैं। ऐसे में टीचिंग के प्रोफेशन के प्रति नए सिरे से आकर्षण पैदा किए जाने की जरूरत है, ताकि डॉक्टर, इंजीनियर, आइएएस, आइटी प्रोफेशनल, जर्नलिस्ट, वकील आदि पेशों की तरह छात्र भी स्कूली दिनों से ही अध्यापक बनने का सपना देख सकें और टीचिंग को अपने करियर की मंजिल मानकर आगे बढ़ सकें। ऐसी स्थिति उत्पन्न करने के लिए जितने जरूरी सरकारी उपाय हैं, उतना ही जरूरी हम सभी को अपना माइंड-सेट बदलने की भी है।सुकून, सम्मान और सुविधाएं1टीचिंग के प्रोफेशन में अब सैलरी तो आकर्षक है ही, लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि और किसी भी प्रोफेशन की तुलना में इसमें आज भी अधिकतम सुकून, सबसे अधिक सम्मान और सुविधाओं का होना है। अन्य नौकरियों की तरह इसमें अनावश्यक तनाव भी बिल्कुल नहीं है। हां, इस पेशे में आपका सम्मान इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसके प्रति कितनी ईमानदारी बरत रहे हैं, क्योंकि यह दूसरे पेशों की तरह कतई नहीं है। इसमें आपको देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह समझने की जरूरत होती है। आप सिर्फ एक बच्चे को ही नहीं पढ़ाते, बल्कि देश के एक जिम्मेदार नागरिक को तैयार करते हैं। उन्हीं में से कोई आप जैसा काबिल अध्यापक बनेगा, तो कोई देश का राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, न्यायाधीश, कलेक्टर, दुनिया में देश को पहचान दिलाने वाले प्रोफेशनल कुछ भी बन सकता है। सोचिए, जब आपको पता चलता है कि आपके किसी शिष्य ने कोई बड़ी उपलब्धि हासिल की है, तो कितनी खुशी मिलती होगी। युवा बढ़ाएं कदम देश के युवाओं को भी यह सोचना होगा कि सिर्फ अपने लिए पद और पैसा कमाने में ही जीवन की सार्थकता नहीं है, बल्कि देश और समाज के लिए अपने दायित्वों को समझने और उन्हें पूरा करने में है। ऐसे में उन्हें टीचिंग के प्रति रुझान बढ़ाना चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा इस ओर आएं। बदलते समय के मुताबिक खुद भी पढ़ें और अपडेट रहें, साथ ही शिक्षण संस्थानों आदि के जरिए या स्वयं की पहल से दूसरों को पढ़ाएं। हम सब ऐसा करेंगे, तो ही देश लगातार आगे की ओर बढ़ेगा। हमारे यहां करीब 800 विश्वविद्यालय, 94 केंद्रीय विवि, 76 कृषि विवि, 4000 कॉलेज और 1000 कृषि कॉलेज हैं।’ हमारे देश में हर साल 2.75 करोड़ छात्र स्नातक कक्षाओं में दाखिला लेते हैं, जिनमें से 3.5 लाख अकेले इंजीनियरिंग के होते हैं।
Source- Dainik Jagran
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पढ़ें पढ़ाएं- देश को बढ़ाएं
देश के भावी कर्णधारों
देश में पठन-पाठन के प्रति लगाव रखने और इस दिशा में समुचित कदम उठाये जाने की लगातार आवाज उठाने वाले लोगों का ध्यान कल की दो ताजा खबरों ने जरूर खींचा होगा। हमेशा की तरह एक चिंताजनक खबर यह थी कि आइआइटी जैसे संस्थानों तक को ढूंढ़ने के बावजूद काबिल शिक्षक नहीं मिल पा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ राहत देने वाली खबर यह थी कि उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों में अब पढ़ाई के साथ-साथ पढ़ाना भी जरूरी करने पर विचार किया जा रहा है।
उम्मीद यह भी जताई जा रही है कि आगामी आम बजट में केंद्र सरकार द्वारा इस बारे में विधिवत घोषणा भी की जा सकती है। फिलहाल बीएड जैसे टीचिंग से जुड़े पाठ्यक्रमों में ही छात्रों को पढ़ने के साथ पढ़ाने की अनिवार्यता है। यह योजना लागू हो जाने के बाद स्नातक कोर्सो के छात्रों को हर सप्ताह कम से कम तीन घंटे पढ़ाना होगा। शिक्षण प्रशिक्षण की जरूरत को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों से अपनी सुविधा के अनुसार आसपास के शिक्षण संस्थानों में सेवाएं देने की बार-बार की अपीलों की वजह से ऐसे तमाम लोगों ने स्कूलों में पढ़ाने की सकारात्मक पहल की है। अगर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय की इस प्रस्तावित योजना ने मूर्त रूप ले लिया, तो स्कूलों में अध्यापकों की कमी की काफी हद तक भरपाई की जा सकेगी।1आकर्षण बढ़ाने की जरूरत1हर किसी की जिंदगी को सही दिशा देने में अध्यापक का योगदान सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। सभी को अपने जीवन में कोई न कोई कभी न भुलाये जा सकने वाले टीचर जरूर मिले होंगे। आज हमें देश के भावी कर्णधारों को गढ़ने वाले सबसे काबिल अध्यापकों की सबसे ज्यादा जरूरत है। पर विडंबना यह है कि पिछले एक-दो दशकों से टीचिंग को उपेक्षित पेशा जैसा मान लिया गया है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले युवाओं की दिलचस्पी ज्यादा पैसे वाली आकर्षक नौकरियों में है। हालांकि हाल के वर्षो में प्राइमरी से लेकर कॉलेज-विश्वविद्यालय के प्रोफेसर तक को मिलने वाली सैलरी और सुविधाओं में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है, इसके बावजूद टीचिंग के प्रति युवाओं में क्रेज जैसी कोई बात नहीं बन पा रही है। ऐसे में इस सबसे सम्मानित पेशे का प्रचार-प्रसार करने, इसमें और आकर्षण जोड़ने और युवा पीढ़ी को इसके प्रति आकर्षित करने के लिए अभियान चलाने की जरूरत महसूस की जा रही है। जिस तरह एक कुम्हार या मूर्तिकार कच्ची मिट्टी को अपने कुशल हाथों से तराश कर तरह-तरह का मनभावन रूप दे देता है, उसी तरह एक अध्यापक भी बच्चों को संस्कार-ज्ञान-समझदारी की शिक्षा देकर जिम्मेदार नागरिक बनाने में अपना योगदान देता है। 1काबिल फैकल्टी की चुनौती!1दिल्ली, मद्रास, खड़गपुर सहित देश की सभी 23 आइआइटी में फिलहाल औसतन 35 प्रतिशत से अधिक फैकल्टी की कमी है। खड़गपुर की स्थिति तो और भी बदतर है, जहां 69 फीसदी फैकल्टी के पद खाली हैं। सरकार के दबाव और इन संस्थानों द्वारा लगातार विज्ञापन दिए जाने के बावजूद सालाना 15 से 20 प्रतिशत पद ही भरे जा पा रहे हैं। सक्षम फैकल्टी न मिलने की बात पर आइआइटी मद्रास के निदेशक डॉ. भास्कर रामामूर्ति की यह बात उचित ही है कि उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद कम ही छात्र ऐसे होते हैं, जो एक टीचर के रूप में अपना करियर आरंभ करना चाहते हैं। ज्यादातर छात्र विदेश की राह पकड़ लेते हैं। ऐसे में टीचिंग के प्रोफेशन के प्रति नए सिरे से आकर्षण पैदा किए जाने की जरूरत है, ताकि डॉक्टर, इंजीनियर, आइएएस, आइटी प्रोफेशनल, जर्नलिस्ट, वकील आदि पेशों की तरह छात्र भी स्कूली दिनों से ही अध्यापक बनने का सपना देख सकें और टीचिंग को अपने करियर की मंजिल मानकर आगे बढ़ सकें। ऐसी स्थिति उत्पन्न करने के लिए जितने जरूरी सरकारी उपाय हैं, उतना ही जरूरी हम सभी को अपना माइंड-सेट बदलने की भी है। सुकून, सम्मान और सुविधाएं टीचिंग के प्रोफेशन में अब सैलरी तो आकर्षक है ही, लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि और किसी भी प्रोफेशन की तुलना में इसमें आज भी अधिकतम सुकून, सबसे अधिक सम्मान और सुविधाओं का होना है। अन्य नौकरियों की तरह इसमें अनावश्यक तनाव भी बिल्कुल नहीं है। हां, इस पेशे में आपका सम्मान इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसके प्रति कितनी ईमानदारी बरत रहे हैं, क्योंकि यह दूसरे पेशों की तरह कतई नहीं है। इसमें आपको देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह समझने की जरूरत होती है। आप सिर्फ एक बच्चे को ही नहीं पढ़ाते, बल्कि देश के एक जिम्मेदार नागरिक को तैयार करते हैं। उन्हीं में से कोई आप जैसा काबिल अध्यापक बनेगा, तो कोई देश का राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, न्यायाधीश, कलेक्टर, दुनिया में देश को पहचान दिलाने वाले प्रोफेशनल कुछ भी बन सकता है। सोचिए, जब आपको पता चलता है कि आपके किसी शिष्य ने कोई बड़ी उपलब्धि हासिल की है, तो कितनी खुशी मिलती होगी। युवा बढ़ाएं कदम देश के युवाओं को भी यह सोचना होगा कि सिर्फ अपने लिए पद और पैसा कमाने में ही जीवन की सार्थकता नहीं है, बल्कि देश और समाज के लिए अपने दायित्वों को समझने और उन्हें पूरा करने में है। ऐसे में उन्हें टीचिंग के प्रति रुझान बढ़ाना चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा इस ओर आएं। बदलते समय के मुताबिक खुद भी पढ़ें और अपडेट रहें, साथ ही शिक्षण संस्थानों आदि के जरिए या स्वयं की पहल से दूसरों को पढ़ाएं। हम सब ऐसा करेंगे, तो ही देश लगातार आगे की ओर बढ़ेगा।1श में पठन-पाठन के प्रति लगाव रखने और इस दिशा में समुचित कदम उठाये जाने की लगातार आवाज उठाने वाले लोगों का ध्यान कल की दो ताजा खबरों ने जरूर खींचा होगा। हमेशा की तरह एक चिंताजनक खबर यह थी कि आइआइटी जैसे संस्थानों तक को ढूंढ़ने के बावजूद काबिल शिक्षक नहीं मिल पा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ राहत देने वाली खबर यह थी कि उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों में अब पढ़ाई के साथ-साथ पढ़ाना भी जरूरी करने पर विचार किया जा रहा है। उम्मीद यह भी जताई जा रही है कि आगामी आम बजट में केंद्र सरकार द्वारा इस बारे में विधिवत घोषणा भी की जा सकती है। फिलहाल बीएड जैसे टीचिंग से जुड़े पाठ्यक्रमों में ही छात्रों को पढ़ने के साथ पढ़ाने की अनिवार्यता है। यह योजना लागू हो जाने के बाद स्नातक कोर्सो के छात्रों को हर सप्ताह कम से कम तीन घंटे पढ़ाना होगा। शिक्षण प्रशिक्षण की जरूरत को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों से अपनी सुविधा के अनुसार आसपास के शिक्षण संस्थानों में सेवाएं देने की बार-बार की अपीलों की वजह से ऐसे तमाम लोगों ने स्कूलों में पढ़ाने की सकारात्मक पहल की है। अगर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय की इस प्रस्तावित योजना ने मूर्त रूप ले लिया, तो स्कूलों में अध्यापकों की कमी की काफी हद तक भरपाई की जा सकेगी।आकर्षण बढ़ाने की जरूरत1हर किसी की जिंदगी को सही दिशा देने में अध्यापक का योगदान सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। सभी को अपने जीवन में कोई न कोई कभी न भुलाये जा सकने वाले टीचर जरूर मिले होंगे। आज हमें देश के भावी कर्णधारों को गढ़ने वाले सबसे काबिल अध्यापकों की सबसे ज्यादा जरूरत है। पर विडंबना यह है कि पिछले एक-दो दशकों से टीचिंग को उपेक्षित पेशा जैसा मान लिया गया है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले युवाओं की दिलचस्पी ज्यादा पैसे वाली आकर्षक नौकरियों में है। हालांकि हाल के वर्षो में प्राइमरी से लेकर कॉलेज-विश्वविद्यालय के प्रोफेसर तक को मिलने वाली सैलरी और सुविधाओं में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है, इसके बावजूद टीचिंग के प्रति युवाओं में क्रेज जैसी कोई बात नहीं बन पा रही है। ऐसे में इस सबसे सम्मानित पेशे का प्रचार-प्रसार करने, इसमें और आकर्षण जोड़ने और युवा पीढ़ी को इसके प्रति आकर्षित करने के लिए अभियान चलाने की जरूरत महसूस की जा रही है। जिस तरह एक कुम्हार या मूर्तिकार कच्ची मिट्टी को अपने कुशल हाथों से तराश कर तरह-तरह का मनभावन रूप दे देता है, उसी तरह एक अध्यापक भी बच्चों को संस्कार-ज्ञान-समझदारी की शिक्षा देकर जिम्मेदार नागरिक बनाने में अपना योगदान देता है। काबिल फैकल्टी की चुनौती! दिल्ली, मद्रास, खड़गपुर सहित देश की सभी 23 आइआइटी में फिलहाल औसतन 35 प्रतिशत से अधिक फैकल्टी की कमी है। खड़गपुर की स्थिति तो और भी बदतर है, जहां 69 फीसदी फैकल्टी के पद खाली हैं। सरकार के दबाव और इन संस्थानों द्वारा लगातार विज्ञापन दिए जाने के बावजूद सालाना 15 से 20 प्रतिशत पद ही भरे जा पा रहे हैं। सक्षम फैकल्टी न मिलने की बात पर आइआइटी मद्रास के निदेशक डॉ. भास्कर रामामूर्ति की यह बात उचित ही है कि उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद कम ही छात्र ऐसे होते हैं, जो एक टीचर के रूप में अपना करियर आरंभ करना चाहते हैं। ज्यादातर छात्र विदेश की राह पकड़ लेते हैं। ऐसे में टीचिंग के प्रोफेशन के प्रति नए सिरे से आकर्षण पैदा किए जाने की जरूरत है, ताकि डॉक्टर, इंजीनियर, आइएएस, आइटी प्रोफेशनल, जर्नलिस्ट, वकील आदि पेशों की तरह छात्र भी स्कूली दिनों से ही अध्यापक बनने का सपना देख सकें और टीचिंग को अपने करियर की मंजिल मानकर आगे बढ़ सकें। ऐसी स्थिति उत्पन्न करने के लिए जितने जरूरी सरकारी उपाय हैं, उतना ही जरूरी हम सभी को अपना माइंड-सेट बदलने की भी है।सुकून, सम्मान और सुविधाएं1टीचिंग के प्रोफेशन में अब सैलरी तो आकर्षक है ही, लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि और किसी भी प्रोफेशन की तुलना में इसमें आज भी अधिकतम सुकून, सबसे अधिक सम्मान और सुविधाओं का होना है। अन्य नौकरियों की तरह इसमें अनावश्यक तनाव भी बिल्कुल नहीं है। हां, इस पेशे में आपका सम्मान इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसके प्रति कितनी ईमानदारी बरत रहे हैं, क्योंकि यह दूसरे पेशों की तरह कतई नहीं है। इसमें आपको देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह समझने की जरूरत होती है। आप सिर्फ एक बच्चे को ही नहीं पढ़ाते, बल्कि देश के एक जिम्मेदार नागरिक को तैयार करते हैं। उन्हीं में से कोई आप जैसा काबिल अध्यापक बनेगा, तो कोई देश का राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, न्यायाधीश, कलेक्टर, दुनिया में देश को पहचान दिलाने वाले प्रोफेशनल कुछ भी बन सकता है। सोचिए, जब आपको पता चलता है कि आपके किसी शिष्य ने कोई बड़ी उपलब्धि हासिल की है, तो कितनी खुशी मिलती होगी। युवा बढ़ाएं कदम देश के युवाओं को भी यह सोचना होगा कि सिर्फ अपने लिए पद और पैसा कमाने में ही जीवन की सार्थकता नहीं है, बल्कि देश और समाज के लिए अपने दायित्वों को समझने और उन्हें पूरा करने में है। ऐसे में उन्हें टीचिंग के प्रति रुझान बढ़ाना चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा इस ओर आएं। बदलते समय के मुताबिक खुद भी पढ़ें और अपडेट रहें, साथ ही शिक्षण संस्थानों आदि के जरिए या स्वयं की पहल से दूसरों को पढ़ाएं। हम सब ऐसा करेंगे, तो ही देश लगातार आगे की ओर बढ़ेगा। हमारे यहां करीब 800 विश्वविद्यालय, 94 केंद्रीय विवि, 76 कृषि विवि, 4000 कॉलेज और 1000 कृषि कॉलेज हैं।’ हमारे देश में हर साल 2.75 करोड़ छात्र स्नातक कक्षाओं में दाखिला लेते हैं, जिनमें से 3.5 लाख अकेले इंजीनियरिंग के होते हैं।
Source- Dainik Jagran
Saturday, January 20, 2018
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इसलिए हमें यह समझने की जरूरत है कि करियर में हमें पूर्ण संतुष्टि औरआनंद का एहसास क्या देता है। यहां कुछ कदम बताए गए हैं, जो आप अपना करियर डिटॉक्स करने के लिए उठा सकते हैं: मन में करें शुरुआत अपने करियर का ऑडिट करें। जब आप अपने जीवन की पुन: योजना बनाते हैं, तब काम और करियर के सभी खराब अनुभवों को बाहर बह जाने दें। यह समङों कि अभी तक आपकी करियर यात्र क्या रही है, अपनी शक्तियों और कमजोरियों को लिखें और अपनी विशेषज्ञता के क्षेत्रों की पहचान करें। यह पहचान करें कि आपकी रुचि किन क्षेत्रों में है। आपके जुनून क्या हैं और वह क्या है, जिस पर आप अपने शेष जीवनकाल में ध्यान एकाग्र करना चाहते हैं। उस चीज को खोजें, जिसकी ओर आपकी रुचियां हैं। शायद वह आपके करियर के शेष भाग के लिए एक नया आरंभिक बिंदु होगा। हुनर को दें नया रूप यह संभव है कि आप वित्त प्रबंधन में अच्छे हों, फिर भी वित्त व्यवस्था से जुड़े करियर में काम करने का विचार आपको बिल्कुल भी रोमांचित न करता हो। शायद आप खेलकूद में भी अच्छे हों, लेकिन अपनी आयु को देखते हुए एक खिलाड़ी के रूप में करियर बनाने की नहीं सोच सकते। इस स्थिति में दोनों का मिश्रण कीजिए। खेलकूद में अपनी रुचि और वित्त प्रबंधन में अपने हुनर का मिश्रण कीजिए। शायद आप खेलकूद के सितारों के लिए वित्त प्रबंधन करने के करियर के चारों ओर काम कर सकें। इसी तरह, आप दो या दो से अधिक करियर क्षेत्रों के हुनर का मिश्रण कर सकते हैं और करियर के एक नए मार्ग का सृजन कर सकते हैं। जारी रखें सीखना नए पाठ्यक्रमों में प्रवेश लीजिए। आप जिन विषयों में अच्छे हैं, उन्हें और ज्यादा गहराई से खंगालिए या ऐसे करियर स्ट्रीम में प्रवेश लीजिए, जो आपके लिए पूर्णतया नए हैं।
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लाइफ स्किल
‘डिटॉक्स’
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जब हम ‘डिटॉक्स’ शब्द सुनते हैं, तो शायद हम अपनी सब्जियों की मात्र बढ़ाने, शराब का सेवन बंद करने और अपनी त्वचा का पोषण करने की सोचते हैं। जैसे हमारे स्वास्थ्य के लिए हमारे शरीर को डिटॉक्स करना बेहद जरूरी है, ठीक वैसे ही अपने करियर को डिटॉक्स करने से हमें अनेक लाभ मिल सकते हैं। जैसे खान-पान की अस्वास्थ्यकर आदतें और खराब चयन हमारी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं, ठीक वैसे ही अपने करियर में नाखुश होना हमारे कल्याण के लिए उतना ही जहरीला होता है।
इसलिए हमें यह समझने की जरूरत है कि करियर में हमें पूर्ण संतुष्टि औरआनंद का एहसास क्या देता है। यहां कुछ कदम बताए गए हैं, जो आप अपना करियर डिटॉक्स करने के लिए उठा सकते हैं: मन में करें शुरुआत अपने करियर का ऑडिट करें। जब आप अपने जीवन की पुन: योजना बनाते हैं, तब काम और करियर के सभी खराब अनुभवों को बाहर बह जाने दें। यह समङों कि अभी तक आपकी करियर यात्र क्या रही है, अपनी शक्तियों और कमजोरियों को लिखें और अपनी विशेषज्ञता के क्षेत्रों की पहचान करें। यह पहचान करें कि आपकी रुचि किन क्षेत्रों में है। आपके जुनून क्या हैं और वह क्या है, जिस पर आप अपने शेष जीवनकाल में ध्यान एकाग्र करना चाहते हैं। उस चीज को खोजें, जिसकी ओर आपकी रुचियां हैं। शायद वह आपके करियर के शेष भाग के लिए एक नया आरंभिक बिंदु होगा। हुनर को दें नया रूप यह संभव है कि आप वित्त प्रबंधन में अच्छे हों, फिर भी वित्त व्यवस्था से जुड़े करियर में काम करने का विचार आपको बिल्कुल भी रोमांचित न करता हो। शायद आप खेलकूद में भी अच्छे हों, लेकिन अपनी आयु को देखते हुए एक खिलाड़ी के रूप में करियर बनाने की नहीं सोच सकते। इस स्थिति में दोनों का मिश्रण कीजिए। खेलकूद में अपनी रुचि और वित्त प्रबंधन में अपने हुनर का मिश्रण कीजिए। शायद आप खेलकूद के सितारों के लिए वित्त प्रबंधन करने के करियर के चारों ओर काम कर सकें। इसी तरह, आप दो या दो से अधिक करियर क्षेत्रों के हुनर का मिश्रण कर सकते हैं और करियर के एक नए मार्ग का सृजन कर सकते हैं। जारी रखें सीखना नए पाठ्यक्रमों में प्रवेश लीजिए। आप जिन विषयों में अच्छे हैं, उन्हें और ज्यादा गहराई से खंगालिए या ऐसे करियर स्ट्रीम में प्रवेश लीजिए, जो आपके लिए पूर्णतया नए हैं।
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लाइफ स्किल
नए साल पर लाइफ को करें रीसेट
पूरे संसार में नए साल के आगमन का उत्सव पूरे उल्लास-उमंग से मनाया जाता है। नए साल के आगमन पर एक सुदृढ़ परंपरा है कि लोग अपने अंदर सुधार लाने या अपनी बेहतरी के लिए नए-नए संकल्प ग्रहण करते हैं। ये वजन घटाने के सरल संकल्प से लेकर तनावपूर्ण संबंधों में सुधार लाने और इसी तरह के अन्य संकल्प हो सकते हैं। मनुष्य की इच्छाओं की भांति इन संकल्पों की सूची भी अनंत है।
इसके अलावा, जनवरी को हम जो उत्सव मनाते हैं, वह कुछ नहीं अपितु वही जार्जियाई कैलेंडर है, जिसे पूरे संसार में प्रमुखता से स्वीकार किया जाता है, हालांकि भारत सहित अनेक देशों में नए साल का उत्सव मनाने के लिए उनकी अपनी परंपराएं, तिथियां और रीतियां हैं। उदाहरणार्थ, भारत में विभिन्न राज्य फसलों की कटाई के समय, गुड़ी पाड़वा, बैसाखी आदि के रूप में नए साल का उत्सव मनाते हैं। इसी तरह, वहां नए साल के अवसर पर सौभाग्यशाली होने के अनुष्ठान किए जाने की भी परंपरा है। पुर्तगाली देशों में लोग, जिनके लिए वृत्त अर्थात गोल घेरा सफलता का प्रतीक है, डोनट खाते हैं। जापानी लोग नए साल के अवसर पर पिछले साल की समस्याओं एवं चिंताओं को विदा करने और एक बेहतर साल की तैयारी करने के लिए ‘बोनेंकैई’ अर्थात ‘पुराने साल-को-भूल जाओ’ दावत का आयोजन करते हैं।1 बहरहाल, बदलते तमाम सालों के दौरान, मैं हमेशा हैरान रहा हूं कि इस दिन ऐसा क्या इतना कुछ बदल जाता है कि यह एक पूरे विश्वव्यापी उत्सव में बदल जाता है? मध्य रात्रि में घड़ी की सूइयों के 12:00 पर पहुंचते ही ऐसा क्या होता है कि पूरा संसार एक-दूसरे को नए साल की बधाई देने लगता है। चारों ओर आसमान में आतिशबाजी होने लगती है और लोग बस पूरे जोश से पार्टी कर रहे होते हैं। सरल शब्दों में कहा जाए तो नया साल सभी चीजों को ठीक करने के लिए एक आधिकारिक रीसेट बटन है। यह कंप्यूटरों की भाषा में एक trlकी तरह है, जो हमें हमारे हृदय में बूट करता है। इसलिए मित्रो, भले उत्सव मनाने के लिए आपका कारण कुछ भी हो, आनंद फिल्म का सदाबहार गीत याद जरूर रखिये: जिंदगी, कैसी है पहेली हाये, कभी ये हंसाये, कभी ये रुलाये..। नव वर्ष शुभ हो। भले ही आप कुछ भी करें, सदा मुस्कुराते रहें
लाइफ स्किल
विनीत टंडन (म्यूजिक मोटिवेशनल स्पीकर)
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