Monday, August 13, 2018
सूर्य से टकराने निकला नासा
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August 13, 2018
सूरज के रहस्य खोलने के लिए नासा ने किया यान रवाना–
सूर्य की परतों में छिपे राज को खोलने के लिए नासा सा यान 24 घंटे की देरी से रविवार को ऐतिहासिक सफर पर रवाना हो गया। 1.5 अरब डॉलर की लागत से तैयार पार्कर सोलर प्रोब को रविवार को सुबह 3.31 बजे फलोरिडा से रवाना किया गया। यह पहले शनिवार को रवाना किया जाना था लेकिन तकनीकी कारणों से इसका लॉन्च नहीं हो सका था।
यान 6.92 लाख किलोमिटर प्रति घंटे की रफतार से सूरज के 24 चक्कर लगाएगा। यह गति किसी भी मान निर्मित वस्तु में सबसे ज्यादा है। सूरज तक पहुंचने की इस यात्रा के दौरान यान कई ग्रहों के गुरूत्वाकर्षण मार्ग से होकर गुजरेगा। इसमें बुध ग्रह का गुरूत्वाकर्षण मार्ग भी इसकी मदद करेगा। यह सूरज की सतह से 40 लाख मील की दूरी से गुजरेगा। सूरज के इतने करीब पहुंचने वाला यह पहला यान होगा। पार्कर सोलर सात साल तक सूरज के इर्द–गिर्द चक्कर लगाकर अध्ययन करेगा। कार के आकार का यह यान सूरज की बाहरी परत कोरोना के नजदीक रहेगा।
कोरोना का ही तापमान १० लाख डिग्री सेल्सियस होता है।
नासा ने पार्कर सोलर को सूरज के अत्यधिक तापमान से बचाने को 8 फुट की उडन तश्तरी बनाई है। यह 4.5 इंच मोटी कार्बन फोम की परत है। यान को जो हिस्सा सूरज की ओर पर सेरामिक पेंट क परत चढाई गई है‚ ताकि यह सूरज की गर्मी वापस भेज सके। यान भौतिकशास्त्री यूजीन न्यूर्मन पार्कर के नाम पर है। इन्होंने तारों द्वारा ऊर्जा संचारित करने की अवधारणाएं पेश की थी। पार्कर सोलर अपने साथ एक चिप भी लेकर गया है‚ जिसमें 11 लाख लोगों के नाम हैं।
सूर्य की परतों में छिपे राज को खोलने के लिए नासा सा यान 24 घंटे की देरी से रविवार को ऐतिहासिक सफर पर रवाना हो गया। 1.5 अरब डॉलर की लागत से तैयार पार्कर सोलर प्रोब को रविवार को सुबह 3.31 बजे फलोरिडा से रवाना किया गया। यह पहले शनिवार को रवाना किया जाना था लेकिन तकनीकी कारणों से इसका लॉन्च नहीं हो सका था।
यान 6.92 लाख किलोमिटर प्रति घंटे की रफतार से सूरज के 24 चक्कर लगाएगा। यह गति किसी भी मान निर्मित वस्तु में सबसे ज्यादा है। सूरज तक पहुंचने की इस यात्रा के दौरान यान कई ग्रहों के गुरूत्वाकर्षण मार्ग से होकर गुजरेगा। इसमें बुध ग्रह का गुरूत्वाकर्षण मार्ग भी इसकी मदद करेगा। यह सूरज की सतह से 40 लाख मील की दूरी से गुजरेगा। सूरज के इतने करीब पहुंचने वाला यह पहला यान होगा। पार्कर सोलर सात साल तक सूरज के इर्द–गिर्द चक्कर लगाकर अध्ययन करेगा। कार के आकार का यह यान सूरज की बाहरी परत कोरोना के नजदीक रहेगा।
कोरोना का ही तापमान १० लाख डिग्री सेल्सियस होता है।
नासा ने पार्कर सोलर को सूरज के अत्यधिक तापमान से बचाने को 8 फुट की उडन तश्तरी बनाई है। यह 4.5 इंच मोटी कार्बन फोम की परत है। यान को जो हिस्सा सूरज की ओर पर सेरामिक पेंट क परत चढाई गई है‚ ताकि यह सूरज की गर्मी वापस भेज सके। यान भौतिकशास्त्री यूजीन न्यूर्मन पार्कर के नाम पर है। इन्होंने तारों द्वारा ऊर्जा संचारित करने की अवधारणाएं पेश की थी। पार्कर सोलर अपने साथ एक चिप भी लेकर गया है‚ जिसमें 11 लाख लोगों के नाम हैं।
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