Monday, January 1, 2018

लाइफ स्किल

नए साल पर लाइफ को करें रीसेट

पूरे संसार में नए साल के आगमन का उत्सव पूरे उल्लास-उमंग से मनाया जाता है। नए साल के आगमन पर एक सुदृढ़ परंपरा है कि लोग अपने अंदर सुधार लाने या अपनी बेहतरी के लिए नए-नए संकल्प ग्रहण करते हैं। ये वजन घटाने के सरल संकल्प से लेकर तनावपूर्ण संबंधों में सुधार लाने और इसी तरह के अन्य संकल्प हो सकते हैं। मनुष्य की इच्छाओं की भांति इन संकल्पों की सूची भी अनंत है।
                                                 

इसके अलावा, जनवरी को हम जो उत्सव मनाते हैं, वह कुछ नहीं अपितु वही जार्जियाई कैलेंडर है, जिसे पूरे संसार में प्रमुखता से स्वीकार किया जाता है, हालांकि भारत सहित अनेक देशों में नए साल का उत्सव मनाने के लिए उनकी अपनी परंपराएं, तिथियां और रीतियां हैं। उदाहरणार्थ, भारत में विभिन्न राज्य फसलों की कटाई के समय, गुड़ी पाड़वा, बैसाखी आदि के रूप में नए साल का उत्सव मनाते हैं। इसी तरह, वहां नए साल के अवसर पर सौभाग्यशाली होने के अनुष्ठान किए जाने की भी परंपरा है। पुर्तगाली देशों में लोग, जिनके लिए वृत्त अर्थात गोल घेरा सफलता का प्रतीक है, डोनट खाते हैं। जापानी लोग नए साल के अवसर पर पिछले साल की समस्याओं एवं चिंताओं को विदा करने और एक बेहतर साल की तैयारी करने के लिए ‘बोनेंकैई’ अर्थात ‘पुराने साल-को-भूल जाओ’ दावत का आयोजन करते हैं।1 बहरहाल, बदलते तमाम सालों के दौरान, मैं हमेशा हैरान रहा हूं कि इस दिन ऐसा क्या इतना कुछ बदल जाता है कि यह एक पूरे विश्वव्यापी उत्सव में बदल जाता है? मध्य रात्रि में घड़ी की सूइयों के 12:00 पर पहुंचते ही ऐसा क्या होता है कि पूरा संसार एक-दूसरे को नए साल की बधाई देने लगता है। चारों ओर आसमान में आतिशबाजी होने लगती है और लोग बस पूरे जोश से पार्टी कर रहे होते हैं। सरल शब्दों में कहा जाए तो नया साल सभी चीजों को ठीक करने के लिए एक आधिकारिक रीसेट बटन है। यह कंप्यूटरों की भाषा में एक trlकी तरह है, जो हमें हमारे हृदय में बूट करता है। इसलिए मित्रो, भले उत्सव मनाने के लिए आपका कारण कुछ भी हो, आनंद फिल्म का सदाबहार गीत याद जरूर रखिये: जिंदगी, कैसी है पहेली हाये, कभी ये हंसाये, कभी ये रुलाये..। नव वर्ष शुभ हो। भले ही आप कुछ भी करें, सदा मुस्कुराते रहें

लाइफ स्किल

विनीत टंडन (म्यूजिक मोटिवेशनल स्पीकर)

No comments :