Monday, December 11, 2017
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उत्तर प्रदेश के गरीबों, किसानों और असहाय वर्ग के लोगों को मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के तहत आच्छादित किया गया है। इसका शासनादेश शुक्रवार को जारी हो चुका है। इसके लागू होने पर अब इन लोगों को ढाई लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। कृत्रिम अंग की जरूरत पड़ने पर एक लाख रुपये तक का इंप्लांट भी मुफ्त होगा। इस सुविधा को व्यवहार में लाने और उसकी मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी संस्थागत वित्त, बीमा एवं बाह्य सहायतित परियोजना महानिदेशालय निभाएगा। चिकित्सा शिक्षा के सभी प्रधानाचार्य, निदेशक और कुलपति इसके नोडल अधिकारी होंगे।
इस बीमा से जुड़े अस्पताल सीजीएचएस की दरों पर 10 दिनों में क्लेम पेश करेंगे, जबकि बीमा कंपनी से 45 दिन के भीतर क्लेम राशि उन्हें देगी। इसके लिए किसान का नाम रेवन्यू विभाग के रिकार्ड या खतौनी में खातेदार या सहखातेदार के तौर पर लिखा होना जरूरी है। इसके साथ ही उम्र 18 से 70 वर्ष के बीच और सालाना पारिवारिक आय 75 हजार रुपये से कम होनी चाहिए। ऐसे परिवारों को राजस्व या ब्लॉक अधिकारी द्वारा जारी सार्टिफिकेट के आधार पर लाभ अनुमन्य होंगे।1प्रदेश सरकार की अन्य कई योजनाओं की तरह यह भी एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसके पूरी तरह से लागू हो जाने के बाद गरीब जनता को इलाज के लिए अपनी जमीन, घर और जेवरात बेचने नहीं पड़ेंगे और न महाजन की शरण में जा कर अनापशनाप ब्याज पर कर्ज लेना पड़ेगा। आज के दौर में अस्पतालों में इलाज अपने आप में बहुत बड़ी समस्या है, सरकारी अस्पतालों में भी महंगी दवा बाहर से ही खरीद कर देनी होती है। गरीबों के सामने बड़ी विकट समस्या हो जाती है। कई बार वह देखा देखी में प्राइवेट अस्पतालों का रुख कर जाते हैं और उन्हें बहुत अधिक आर्थिक चोट उठानी पड़ती है। कम आय वर्ग के लोगों के लिए इस तरह की सुविधा देने के प्रयास कई वर्षो से चल रहे हैं लेकिन, कोई आसान प्रक्रिया तैयार नहीं हो पायी है। योगी सरकार से उम्मीद की जाती है कि अब तक की व्यावहारिक कठिनाइयों से सबक लेते हुए प्रदेश की जनता को यह लाभ दिलाएगी। सरकारी मशीनरी भी इसमें राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य करेगी।
मुफ्त इलाज
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December 11, 2017
सरकार करेगी मुफ्त इलाज
उत्तर प्रदेश के गरीबों, किसानों और असहाय वर्ग के लोगों को मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के तहत आच्छादित किया गया है। इसका शासनादेश शुक्रवार को जारी हो चुका है। इसके लागू होने पर अब इन लोगों को ढाई लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। कृत्रिम अंग की जरूरत पड़ने पर एक लाख रुपये तक का इंप्लांट भी मुफ्त होगा। इस सुविधा को व्यवहार में लाने और उसकी मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी संस्थागत वित्त, बीमा एवं बाह्य सहायतित परियोजना महानिदेशालय निभाएगा। चिकित्सा शिक्षा के सभी प्रधानाचार्य, निदेशक और कुलपति इसके नोडल अधिकारी होंगे।
Muft ilaj- Sarvhit Bima Yojna |
इस बीमा से जुड़े अस्पताल सीजीएचएस की दरों पर 10 दिनों में क्लेम पेश करेंगे, जबकि बीमा कंपनी से 45 दिन के भीतर क्लेम राशि उन्हें देगी। इसके लिए किसान का नाम रेवन्यू विभाग के रिकार्ड या खतौनी में खातेदार या सहखातेदार के तौर पर लिखा होना जरूरी है। इसके साथ ही उम्र 18 से 70 वर्ष के बीच और सालाना पारिवारिक आय 75 हजार रुपये से कम होनी चाहिए। ऐसे परिवारों को राजस्व या ब्लॉक अधिकारी द्वारा जारी सार्टिफिकेट के आधार पर लाभ अनुमन्य होंगे।1प्रदेश सरकार की अन्य कई योजनाओं की तरह यह भी एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसके पूरी तरह से लागू हो जाने के बाद गरीब जनता को इलाज के लिए अपनी जमीन, घर और जेवरात बेचने नहीं पड़ेंगे और न महाजन की शरण में जा कर अनापशनाप ब्याज पर कर्ज लेना पड़ेगा। आज के दौर में अस्पतालों में इलाज अपने आप में बहुत बड़ी समस्या है, सरकारी अस्पतालों में भी महंगी दवा बाहर से ही खरीद कर देनी होती है। गरीबों के सामने बड़ी विकट समस्या हो जाती है। कई बार वह देखा देखी में प्राइवेट अस्पतालों का रुख कर जाते हैं और उन्हें बहुत अधिक आर्थिक चोट उठानी पड़ती है। कम आय वर्ग के लोगों के लिए इस तरह की सुविधा देने के प्रयास कई वर्षो से चल रहे हैं लेकिन, कोई आसान प्रक्रिया तैयार नहीं हो पायी है। योगी सरकार से उम्मीद की जाती है कि अब तक की व्यावहारिक कठिनाइयों से सबक लेते हुए प्रदेश की जनता को यह लाभ दिलाएगी। सरकारी मशीनरी भी इसमें राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य करेगी।
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