Friday, December 1, 2017
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December 01, 2017
प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों में होगी 20 हज़ार शिक्षको और चपरासियों की भर्ती
नए साल में माध्यमिक शिक्षा विभाग में नौकरियों की बहार आएगी। राज्य सरकार की शिक्षकों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को मिलाकर लगभग 20 हजार लोगों को नौकरी देने की तैयारी है। इनमें लगभग 10 हजार अध्यापक होंगे और लगभग इतने ही चपरासी। शिक्षकों की नियुक्तियां सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में होंगी जबकि चपरासियों की भर्तियां सहायता प्राप्त और राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में होंगी।
प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों में होगी 20 हज़ार शिक्षको और चपरासियों की भर्ती |
यूपी में 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय हैं। इनमें 3918 बालक और 594 बालिका विद्यालय हैं। इनमें सहायक अध्यापकों के 72,120 पद स्वीकृत हैं और लगभग 20,765 पद रिक्त हैं। सरकार ने सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए सेवानिवृत्त अध्यापकों और प्रवक्ताओं को संविदा पर रखने का फैसला किया था। अब इन स्कूलों में अंग्रेजी, गणित, हिंदी, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान, वाणिज्य सहित अन्य विषयों के दस हजार से अधिक रिक्त पदों पर स्थायी नियुक्तियों का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
इसे सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक अवध नरेश शर्मा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति के बाद सहायक अध्यापकों की भर्ती का प्रस्ताव बोर्ड को भेज दिया जाएगा। उधर, सूत्रों का कहना है कि शिक्षकों की नियुक्तियां मौलिक पदों पर और स्थायी रूप से की जाएंगी लेकिन चपरासियों की नियुक्ति चतुर्थ श्रेणी के रिक्त मौलिक पदों पर नहीं की जाएगी।
एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर ये नियुक्तियां आउटसोर्सिंग के जरियेे होंगी। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के खाली पदों पर नियुक्तियां न होने के बारे में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शिक्षा विभाग से जवाब तलब किया है। साथ ही पूछा है कि ये नियुक्तियां किस तरह और कैसे की जाएंगी। उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद विभाग ने बाहरी एजेंसी के जरिये चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती का प्रस्ताव तैयार किया है। प्रदेश के2109 राजकीय हाई स्कूल और इंटर कॉलेज में चपरासी के चार हजार से अधिक पद खाली हैं। वहीं, 4512 सहायता प्राप्त विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 7589 पद रिक्त हैं। शिक्षा विभाग की तरफ से राजकीय हाई स्कूल और इंटर कॉलेज में 9852 पदों पर सहायक अध्यापकों की भर्ती का प्रस्ताव पहले ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजा जा चुका है।
माना जा रहा है कि सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरा होने तक भर्तियां हो जाएंगी। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद रिक्त होने से विद्यालयों में साफ-सफाई से लेकर अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं। न्यायालय के हस्तक्षेप पर विभाग ने विद्यर्थियों की संख्या के आधार पर प्रत्येक स्कूल में एक से चार चपरासियों की भर्ती की तैयारी की है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक अवध नरेश शर्मा ने बताया कि चतुर्थ श्रेणी पदों पर नियुक्तियों के लिए एजेंसी तय की जाएगी। जिला विद्यालय निरीक्षकों को उनके जिले में प्रत्येक विद्यालय में चपरासी के स्वीकृत पद के अनुरूप बजट दिया जाएगा। डीआईओएस विद्यालय प्रबंध समिति को चपरासी के मानदेय के लिए बजट जारी करेंगे
इसे सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक अवध नरेश शर्मा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति के बाद सहायक अध्यापकों की भर्ती का प्रस्ताव बोर्ड को भेज दिया जाएगा। उधर, सूत्रों का कहना है कि शिक्षकों की नियुक्तियां मौलिक पदों पर और स्थायी रूप से की जाएंगी लेकिन चपरासियों की नियुक्ति चतुर्थ श्रेणी के रिक्त मौलिक पदों पर नहीं की जाएगी।
एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर ये नियुक्तियां आउटसोर्सिंग के जरियेे होंगी। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के खाली पदों पर नियुक्तियां न होने के बारे में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शिक्षा विभाग से जवाब तलब किया है। साथ ही पूछा है कि ये नियुक्तियां किस तरह और कैसे की जाएंगी। उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद विभाग ने बाहरी एजेंसी के जरिये चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती का प्रस्ताव तैयार किया है। प्रदेश के2109 राजकीय हाई स्कूल और इंटर कॉलेज में चपरासी के चार हजार से अधिक पद खाली हैं। वहीं, 4512 सहायता प्राप्त विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 7589 पद रिक्त हैं। शिक्षा विभाग की तरफ से राजकीय हाई स्कूल और इंटर कॉलेज में 9852 पदों पर सहायक अध्यापकों की भर्ती का प्रस्ताव पहले ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजा जा चुका है।
माना जा रहा है कि सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरा होने तक भर्तियां हो जाएंगी। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद रिक्त होने से विद्यालयों में साफ-सफाई से लेकर अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं। न्यायालय के हस्तक्षेप पर विभाग ने विद्यर्थियों की संख्या के आधार पर प्रत्येक स्कूल में एक से चार चपरासियों की भर्ती की तैयारी की है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक अवध नरेश शर्मा ने बताया कि चतुर्थ श्रेणी पदों पर नियुक्तियों के लिए एजेंसी तय की जाएगी। जिला विद्यालय निरीक्षकों को उनके जिले में प्रत्येक विद्यालय में चपरासी के स्वीकृत पद के अनुरूप बजट दिया जाएगा। डीआईओएस विद्यालय प्रबंध समिति को चपरासी के मानदेय के लिए बजट जारी करेंगे
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